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एक करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी के मामलों में फरार बाप-बेटे को पुलिस ने जबलपुर से धर द्बोचा

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ग्वालियर । एक करोड़ से अधिक की ठगी कर 15 साल से फरार वारंटी बाप-बेटे हरिकिशन द्विवेदी व शांशक द्विवेदी को गोला का मंदिर थाना पुलिस रविवार को जबलपुर से पकड़ लाई है। दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी पर पांच-पांच हजार का इनाम घोषित था। आरोपितों के खिलाफ अलग-अलग न्यायालयों से 20 स्थाई वारंट जारी थे। पुलिस लगातार इनको कड़ने का प्रयास कर रही थी। आरोपित 2006 से परिवार सहित गायब हो गए थे। पुत्र ने आरोपित पिता को मृत घोषित कर दिया था और वह आराम से जबलपुर में काम-धंधा करता मिला। पिता-पुत्र भिंड रोड पर नवीन विद्या निकेतन हायर सेकंडरी स्कूल संचालित करते थे। एसपी अमित सांघी ने त्योहार पर वारंटियों पर सतत नजर रखने के निर्देश शहर व देहात के थाना प्रभारियों को दिए थे।                                                                                          एएसपी राजेश दंडौतिया ने बताया कि पांच-पांच हजार के इनामी पिता-पुत्र को पुलिस 15 साल से तलाशने के लिए 20 स्थाई वारंट लिए घूम रही थी। सप्ताह भर पूर्व पिता-पुत्र के पूरे परिवार सहित जबलपुर के थाना मढ़ाताल में मकान नंबर-94 फेस -2 शिवाजी नगर में अपनी पहचान छिपाकर रहने की सूचना मिली थी। पुलिस को खबर मिली थी कि आरोपितों ने अपने जीवन-यापन के लिए यहां अपना काम-धंधा भी जमा लिया है। सीएसपी (आइपीएस)डा ऋषिराज मीणा ने इस सूचना से एसपी को अवगत कराया। वारंटियों की गिरफ्तारी के लिए गोला का मंदिर थाना प्रभारी विनय शर्मा के नेतृत्व में प्रधान आरक्षक अरविंद शर्मा, धीरेंद्र शर्मा, शशिकांत शर्मा, आरक्षक गिर्राज गुर्जर, महिला आरक्षक प्रियंका, धीरेंद्र सिंह और शिवकुमार यादव की टीम गठित की। चूंकि आरोपित हरिकिशन द्विवेदी को परिवार के लोगों ने मृत घोषित कर दिया था, इसलिए गिरफ्तारी से पहले तस्दीक करने की हिदायत दी थी, जबकि पुलिस के पास पहले से खबर थी कि आरोपित जीवित है।गोला का मंदिर थाना प्रभारी विनय शर्मा ने बताया कि टीम को अधिकारियों ने ब्रीफ कर जबलपुर भेजा था। तीन दिन तक टीम ने आरोपितों की गतिविधियों पर नजर रखी और हरिकिशन द्विवेदी के जीवित होने की पुष्टि के बाद पिता-पुत्र को पुलिस पकड़कर ले आई।आरोपितों के खिलाफ विपिन चंद्र पुत्र नाथुराम अग्रवाल ने गोला का मंदिर थाने में धोखाधड़ी व अमानत में ख्यानत का मामला 2008 में दर्ज कराया था। आरोपित प्रकरण दर्ज होने से पहले परिवार सहित शहर छोड़कर गायब हो गए थे। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ फरारी में न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था। कोर्ट ने स्थाई वारंट जारी किया था। पुलिस तभी से आरोपितों के खिलाफ स्थाई वारंट लेकर घूम रही थी।

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