रेसलर विनेश फोगाट ने खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटा दिया है। विनेश शनिवार (30 दिसंबर) को अवॉर्ड लौटाने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑफिस जा रही थीं। इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया। जिसके बाद विनेश ने अवॉर्ड कर्तव्य पथ पर ही जमीन पर रख दिए और अवॉर्ड्स को हाथ जोड़कर लौट गईं।
विनेश ने 3 दिन पहले ही PM मोदी के नाम 2 पेज की चिट्ठी लिखी थी। जिसमें महिला पहलवानों को इंसाफ न मिलने की बात कही थी।
वार्ड लौटाने पर विनेश ने कहा -”मैं इंसाफ के लिए यहां पहुंची हूं। जब तक इंसाफ नहीं मिलता ये लड़ाई जारी रहेगी।”
बजरंग पूनिया ने विनेश की अवार्ड वापसी की वीडियो शेयर कर कहा – “यह दिन किसी खिलाड़ी के जीवन में न आए। देश की महिला पहलवान सबसे बुरे दौर से गुजर रही हैं।”
विनेश से पहले बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री अवार्ड लौटा दिया था। वह इस अवार्ड को प्रधानमंत्री के घर के बाहर फुटपाथ पर रखकर आ गए थे।
साक्षी मलिक ने WFI की नई कार्यकारिणी में बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के चुने जाने के बाद उसी दिन जूते टेबल पर रख कुश्ती से संन्यास ले लिया था।
ये रेसलर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पर बृजभूषण और उसके करीबियों के दबदबे का विरोध कर रहे हैं। हालांकि सरकार WFI की संजय सिंह की अध्यक्षता वाली कार्यकारिणी को सस्पेंड कर चुकी है। जिसके बाद WFI के संचालन के लिए इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) एडहॉक कमेटी का गठन कर चुकी है। जिसका चेयरमैन भूपेंद्र बाजवा को बनाया गया। उनके साथ एमएम सौम्या और मंजूषा कंवर को सदस्य बनाया गया है।