बिना स्वीकृति 16 सार्वजनिक और 29 कम्युनिटी टॉयलेट निर्माण के लिए लगाए गए टेंडर
सुलभ शौचालय के निर्माण में गड़बड़ी में मामले में 2 साल बाद भी कार्रवाई नहीं डेढ़ साल बाद दिया नोटिस का जवाब
आरएडी शाखा ने बिना जांच फाइल आगे बढ़ाई, हो चुका है 35 लाख का भुगतान
ग्वालियर – नगर निगम में भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हो चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों पर आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई हैं। यही कारण है कि निगम में बड़ी ही आसानी से भ्रष्टाचार अधिकारी-कर्मचारी द्वारा किया जाता रहा है। ऐसा ही एक मामला है नियम विरुद्ध शौचालय निर्माण का, जिसमें तत्कालीन निगमायुक्त संदीप माकिन द्वारा शौचालय निर्माण में गलती पकड़ने के दो साल बाद भी जिम्मेदारों पर आज तक कोई कार्रवाई की गई।
नगर निगम नियम विरुद्ध तरीके से किए गए टेंडर व भुगतान का मामला सामने आने के बाद निगमायुक्त संदीप माकिन ने 17 जून 2020 को अपर आयुक्त वित्त देवेंद्र पालिया, सीसीओ प्रेम पचौरी, तत्कालीन अधीक्षण यंत्री स्व. प्रदीप चतुर्वेदी, सहायक यंत्री सतेंद्र यादव, उपयंत्री राजेश परिवार और एक क्लर्क को कार्य में लापरवाही के चलते कारण जिम्मेदारों द्वारा 25 जुलाई 2019 को 2.44 करोड़ के 16 सार्वजनिक शौचालय और 3.84 करोड़ के 29 कम्युनिटी टॉयलेट निर्माण के लिए टेंडर लगा गए थे।
इस टेंडर प्रक्रिया में एमआइसी एवं परिषद् से स्वीकृति लेना आवश्यक थी, लेकिन अधिकारियों ने बिना स्वीकृति के लिए टेंडर लगा दिए और बिना बजट व व्यय स्वीकृत लिए 31 अगस्त 2019 को ठेकेदारी फर्म सुलभ इंटरनेशनल से अनुबंध कर लाभ देने के लिए परफॉर्मेंस गारंटी जमा नहीं कराई गई और कार्य के भुगतानके लिए 24 दिसंबर 2019 को एक करोड़ राशि का पहला बिल आरएडी शाखा में पहुंचा दिया गया।
वहीं आरएडी शाखा ने भी बिना जांच परखे भुगतान की फाइल आगे बढ़ा दी। इसके बाद ठेकेदारी फर्म को 30 जनवरी 2020 को 35 लाख रुपए का भुगतान जारी कर दिया गया। इस मामले का जैसे ही खुलासा हुआ आनन फानन में तत्कालीन निगमायुक्त संदीप माकिन ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिए।