नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में आयकर रिटर्न (Income Tax Return) में दो वर्ष के अंदर स्वैच्छिक रूप से अद्यतन (Update) करने का प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन यह प्रस्ताव अमीरों पर भारी पड़ सकता है।ऐसे लोगों को आईटीआर( Income Tax return) अपडेट कराने पर 111 फीसदी तक का रिटर्न देना पड़ सकता है।
टैक्स गणना के अनुसार, अपडेट की सुविधा का प्रयोग करने पर ज्यादा अमीर (Super Reach) करदाता को अतिरिक्त आय पर 111 फीसदी तक का टैक्स देना पड़ सकता है। बजट प्रस्ताव में कहा गया था कि कोई भी करदाता मूल्यांकन वर्ष खत्म होने के बाद दो वर्ष के भीतर आईटीआर को अपडेट कर सकता है। ऐसे अपडेट के बाद करदाता को अतिरिक्त आय पर 25 से 50 फीसदी तक जुर्माना देना पड़ेगा। यदि जुर्माने और कर की दर को जोड़ लिया जाए तो यह देनदारी अतिरिक्त आय का 50 से 111 फीसदी तक हो सकती है।
वरिष्ठ अधिकारीयो का कहना है कि बजट में जुर्माने का प्रस्ताव पेश किया गया है लेकिन फाइनेंस एक्ट के संसद से पास ना होने के कारण यह अभी तक फाइनल नहीं हुआ है। हम उद्योग से मिली प्रतिक्रियाओं का परीक्षण कर रहे हैं और आवश्यकता होने पर बदलाव भी करेंगे।
ज्यादा अमीरों पर 90 फीसदी टैक्स :-
टैक्स की गणना के अनुसार, 111 फीसदी का प्रभावी टैक्स ज्यादा अमीरों (Super Reach) पर पड़ेगा, यदि वे आईटीआर(ITR) दाखिल करने के बाद दूसरे वर्ष में अपडेट करते हैं। यदि सुपर रिच व्यक्ति अतिरिक्त आय को आईटीआर (ITR) में दूसरे वर्ष में अपडेट (UPDATE) करते हैं तो उन पर टैक्स की प्रभावी दर 90 फीसदी होगी। यदि आय पांच करोड़ रुपए से अधिक होगी तो 37 फीसदी का सरचार्ज भी देना होगा। पहले वर्ष में अपडेट करने के बाद आईटीआर (ITR) दाखिल करने पर प्रभावी टैक्स दर 69 फीसदी होगी। यदि अपडेट के बाद रिटर्न दाखिल नहीं किया जाता है तो प्रभावी टैक्स दर 80 फीसदी होगी।
50 लाख से कम की आय पर सरचार्ज नहीं :-
यदि करदाता (Taxpayer) की आय 50 लाख रुपए से कम है तो उस पर कोई सरचार्ज(Surcharge) नहीं लगेगा। ऐसी स्थिति में दूसरे वर्ष में अपडेट (Update) के बाद आईटीआर (ITR) दाखिल करने पर अतिरिक्त आय पर 81 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। पहले वर्ष में अपडेट(Update) के बाद आईटीआर (ITR) दाखिल करने पर 66 फीसदी टैक्स लगेगा। सीबीडीटी के एक अधिकारी का कहना है कि आईटीआर (ITR) अपडेट (Update) की यह सुविधा ज्यादा राजस्व जुटाने के लिए नहीं दी गई है। दो वर्ष में अपडेट की यह सुविधा छोटे करदाताओं (Taxpayer) को रिटर्न (Return) में सुधार करने के मकसद से दी गई है।
वित्त मंत्रालय से मिली एक जानकारी के मुताबिक बता दें कि आम लोगों को अवैध धंधों में लगे हरामखोर, सुदखोर और रिश्वतखोरों जैसे लोगों की आय से अधिक संपत्ति / ब्लैक मनी / प्लाट & प्रॉपर्टी की जानकारी मिले तो तुरंत इसकी जानकारी विभाग द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 18003455544 में दे सकते है। विभाग सूचना देने वाले का नाम और पता गुप्त रखेगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार इन दिनों बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद बिक्री के साथ अन्य व्यापार में कच्चे में रुपये की लेनदेन हवाला के जरिये हो रही है। मोदी सरकार कालेधन को लेकर विकराल रूप धारण कर रही है इससे इंकार नहीं किया जा सकता।