आय से अधिक संपत्ति के मामले में करोड़पति थाना प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा हुआ दर्ज
थाना प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह इन दिनों लखनऊ में तैनात हैं
लखनऊ / जनपद मेरठ की हस्तिनापुर सेंच्युरी में दो साल पहले आलीशान फॉर्म हाउस बनाकर सुर्खियों में आए करोड़पति थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मेरठ के मेडिकल थाने में उनके खिलाफ ये मुकदमा दर्ज किया गया। दरोगा धर्मेन्द्र सिंह इन दिनों लखनऊ में तैनात हैं। आईजी मेरठ प्रवीण कुमार का कहना है कि इस मामले में दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
डीआईजी एंटी करप्शन राजीव मल्होत्रा ने बाताया :-
भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति की जांच एंटी करप्शन (Anti Corruption Bureau) ही करता है। प्रकरण के वादी इंस्पेक्टर अशोक शर्मा (Ashok Sharma) हैं, लेकिन जांच दूसरे इंस्पेक्टर करेंगे। धर्मेंद्र के खिलाफ पुख्ता सुबूत जुटाने के बाद ही शासन से अनुमति लेने के बाद ही मुकदमा दर्ज कराया गया है।
भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज :-
ये मामला दो साल पुराना है जब हस्तिनापुर की सेंचुरी में थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह ने आलीशान फॉर्म हाउस बनवाया था । एंटी करप्शन टीम ने दो साल तक इस मामले की गहन जांच की जिसमें आरोपी थाना प्रभारी की संपत्ति आय से 143 गुना अधिक मिली है। इसके अलावा कई और महत्वपूर्ण जानकारी भी सामने आई हैं जिसके तहत हस्तिनापुर सेंच्युरी में पक्के निर्माण की इजाजत ही नहीं है लेकिन हस्तिनापुर थाना प्रभारी रहते हुए धर्मेंद्र सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग किया और पक्का निर्माण कर फार्म हाउस बना दिया। जांच में फार्म हाउस की जमीन थाना प्रभारी की पत्नी के नाम निकली है इसके अलावा कई और जगह भी दरोगा ने करोड़ों की संपत्ति खरीदी है, इसकी भी जांच चल रही है।
पहले भी लगे हैं कई आरोप :-
इससे पहले साल 2020 में थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह के मेरठ शास्त्रीनगर फ्लैट में बिजली चोरी भी पकड़ी गई थी । अलीगढ़ में रहने के दौरान भी उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. हस्तिनापुर में फार्म हाउस बनाने और मामला उजागर होने के बाद से ही थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ एंटी करप्शन जांच चल रही थी। जो अब जाकर पूरी हुई है। इसके बाद शासन से अनुमति मांगी गई और धर्मेन्द्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
आईजी मेरठ रेंज प्रवीण कुमार ने कहा :-
इस मामले की सक्षम स्तर से होगी और दोषी बख्शा नहीं जाएगा. दरोगा के खिलाफ डीजी ऑफिस में शिकायत हुई थी मैंने भी इसकी जांच कराई थी जिसके बाद जांच रेफर कर दी गई थी ।
पूर्व विधायक ने लगाए थे गंभीर आरोप :-
पूर्व विधायक और भाजपा नेता गोपाल काली प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगा चुके हैं । धमेंद्र के फार्म हाउस पर सारे अवैध काम होते थे। फार्म हाउस के आसपास मिलीं बिसलेरी आदि की बोतलें इस बात की गवाही दे रहीं थीं कि वहां जब-तब कुछ चुनिंदा लोग पार्टियां कर जंगल में मंगल करते थे। स्थानीय लोग मानते हैं कि धर्मेंद्र को अपने राजनीतिक आकाओं पर इतना विश्वास था कि उनके रहते कोई भी उन्हें मेरठ जनपद से हिला नहीं पाएगा। इसी विश्वास के चलते उन्होंने जगंल के मध्य ऐशगाह का निर्माण कर डाला था।
डीआईजी एंटी करप्शन राजीव मल्होत्रा ने बाताया :-
भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति की जांच एंटी करप्शन ही करता है। मुकदमे के वादी इंस्पेक्टर अशोक शर्मा हैं, लेकिन जांच दूसरे इंस्पेक्टर करेंगे । धर्मेंद्र के खिलाफ पुख्ता सुबूत जुटाने के बाद ही शासन से अनुमति लेने के बाद ही मुकदमा दर्ज कराया गया है।