नई दिल्ली : ब्रिटेन प्रधानमंत्री का चुनाव होने जा रहा है। कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों ने शुक्रवार शाम तक अपने नए नेता को चुनने के लिए वोट डाला। सोमवार को विदेश सचिव लिज ट्रस और पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक में से किसी एक को विजेता घोषित किया जाएगा। विजेता वर्तमान में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की जगह लेगा।
प्रधानमंत्री पद की दावेदारी में आगे बताई जा रहीं लिज ट्रस मौजूदा विदेश सचिव हैं। सरकारी स्कूल में पढ़ीं 47 साल की ट्रस के पिता गणित के प्रोफेसर और मां एक नर्स थीं। लेबर पार्टी समर्थक परिवार से आने वालीं ट्रस ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए अकाउंटेंट के रूप में भी काम किया।
इसके बाद वह राजनीति में आ गईं। 2010 में ट्रस पहली बार सांसद चुनी गईं। ट्रस शुरुआत में यूरोपियन यूनियन से अलग होने के मुद्दे के खिलाफ थीं। हालांकि, बाद में ब्रेक्जिट के हीरो बनकर उभरे बोरिस जॉनसन के समर्थन में आ गईं। ब्रिटिश मीडिया अक्सर पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थ्रेचर से उनकी तुलना करता है।
इस रेस में दूसरे दावेदार हैं भारतीय मूल के ऋषि सुनक। 42 साल से सुनक का परिवार मूलत: पंजाब का रहने वाला है। 1960 के दशक में उनके माता-पिता पूर्वी अफ्रीका से आकर ब्रिटेन में बसे। उनके पिता एक सामान्य चिकित्सक थे और मां उषा फार्मासिस्ट थीं जो एक फार्मेसी चलाती थीं।
सुनक की शुरुआती पढ़ाई ब्रिटेन के सबसे महंगे स्कूलों में से एक विन्चेस्टर से हुई। ट्रस की तरह सुनक ने भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है। हेज फंड से लाखों पाउंड कामने के बाद 2015 में सुनक पहली बार सांसद बने। सांसद बनने के कुछ ही समय में ब्रेक्जिट समर्थन सुनक को भविष्य के नेता के रूप में देखा जाने लगा। फरवरी 2020 में बोरिस जॉनसन की जीत के बाद सुनक वित्त मंत्री बनाए गए। ट्रस की तरह सुनक की भी दो बेटियां हैं।
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को अपनी पार्टी के सांसदों का विश्वास खोने के कारण इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद पार्टी में नए नेता के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई। कंजरवेटिव पार्टी में नेता के चुनाव के लिए दो चरण होते हैं।
पहले चरण में कंजरवेटिव पार्टी के सभी सांसदों में अपनी पसंद के नेता को चुनते हैं। जिस उम्मीदवार को सबसे कम वोट मिलते हैं वो दौड़ से बाहर हो जाता है। वोटिंग तब तक चलती है जब तक दो उम्मीदवार नहीं बच जाते हैं।