शिवराज सरकार में काम कराने के लिए शिवराज सरकार के ऊर्जा मंत्री को आखिर क्यो करना पड़ रहा है “जूता चप्पल का त्याग”
इससे अंदाजा लागाया जा सकता है की शिवराज सरकार के मंत्री को इतना परेशान होना पड़ रहा तो भोली-भाली जनता को सरकार के द्वारा जारी सुविधा का लाभ लेने के लिये कितना संघर्ष करना पड़ता होगा ।
ग्वालियर । शिवराज सरकार में ऊर्जा मंत्री व केन्द्रीय मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर हमेशा से अपने अलग अंदाज के लिए चर्चा में रहते हैं। कभी वह स्कूल की टॉयलेट सफाई करने खुद उतर पड़ते हैं तो कभी शमशान घाट पर सफाई अभियान चलाते हैं। जिसे देखते हुये प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने ऊर्जा मंत्री व केन्द्रीय मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को नये नाम ऑल-इन-वन मंत्री के नाम से भी पुकारा था । वह नाला में सफाई के लिए उतर चुके हैं। इस बार सिंधिया समर्थक यह मंत्री सड़कों के लिए जूते-चप्पल त्यागने के लिए पूरे प्रदेश में चर्चा बने हुए हैं।
असल में दो दिन पहले शिवराज सरकार के यह मंत्री अपनी विधानसभा में सड़कों का निरीक्षण कर रहे थे। वह लक्ष्मण तलैया, गेंडेवाली सड़क व जेएएच रोड का निरीक्षण करने पहुंचे थे। जब वह निरीक्षण कर रहे थे तो लोगों ने उन्हें सड़कों से मिलने वाले दर्द को बताया था। जिसके बाद ऊर्जा मंत्री तोमर ने क्षेत्र के लोगों से सबसे पहले सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी कि वह सड़क नहीं बनवा पाए इसलिए माफी मांगते हैं। इसके बाद उन्होंने तय किया कि जब तक यह तीनों सड़कें नहीं बन जाएंगी वह खुद भी बिना जूते-चप्पल के चलेंगे। इसके बाद पूरे प्रदेश में उसकी चर्चा होने लगी।
कांग्रेस ने तो मांग लिया था इस्तीफा :-
कांग्रेस ने तो यहां तक कह दिया कि यह ऊर्जा मंत्री की असफलता ही है कि अपनी सरकार होने के बाद भी वह सड़क नहीं बनवा पा रहे हैं। न सरकार उनकी सुन रही है न अधिकारी। इसलिए अब वह जूते नहीं बल्कि पद छोड़ दें। इस तरह की नौटंकी से अब वह जनता को मुर्ख नहीं बना सकते।
सुप्रीडेंट इंजीनियर ने बताया :-
सड़कों पर मंत्री ने जूते तो छोड़ दिए, लेकिन उनसे गलती हो गई। यह बात उनको तब समझ में आई जब स्मार्ट सिटी के सुप्रीडेंट इंजीनियर ने बताया कि सड़क बनाने में लगभग 3 महीने का समय लगेगा। इसके बाद ऊर्जा मंत्री सीधे भोपाल रवाना हो गए थे।