MP High Court : कलेक्टर पर 25 हजार का जुर्माना, बिना क्षेत्राधिकार के स्थगन आदेश देने पर कोर्ट सख्त

Spread the love

जबलपुर हाईकोर्ट ने अनूपपुर कलेक्टर पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। बिना क्षेत्राधिकार के स्थगन आदेश देने पर कोर्ट ने सख्ती दिखाई है।

अनूपपुर बिजुरी निवासी नीलिमा शुक्ला, अमित कुमार पांडे, अंकित पांडे व रेणुका शुक्ला सहित सात लोगों की तरफ से कलेक्टर द्वारा 15 मार्च 2019 को पारित उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्होंने भूमि अधिग्रहण के मुआवजे के भुगतान पर रोक लगा दी थी। याचिका में कहा गया कि उनकी भूमि साउथ ईस्टन कोल फील्ड लिमिटेड (एसईसीएल) ने अधिग्रहित की थी। अधिग्रहण के बाद कुछ लोगों ने कोतमा व्यवहार न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया। जहां से उन्हें स्थगन प्राप्त नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने अनपूपुर कलेक्टर के समक्ष आवेदन दिया।

इस मामले की सुनवाई जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ बेंच मे हुयी । जस्टिस विवेक अग्रवाल के समक्ष पूर्व आदेश के परिपालन में कलेक्टर ने शपथ पत्र पेश कर स्वीकार किया कि बिना क्षेत्राधिकार के उन्होनें स्थगन आदेश दिया। एकलपीठ ने कलेक्टर द्वारा पारित आदेश को निरस्त करते हुए 25000/- के कॉस्ट के साथ याचिका का निराकरण कर दिया।

कलेक्टर ने बिना किसी प्रावधान के मुआवजे के भुगतान पर रोक लगा दी। मामले में एक सितंबर 2023 को हुई सुनवाई दौरान न्यायालय ने कलेक्टर को व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र पर यह बताने के निर्देश दिये थे कि उन्होंने किस प्रावधान में यह स्थगन जारी किया। याचिका पर मंगलवार को सुनवाई दौरान कलेक्टर अनूपपुर आशीष वशिष्ट ने शपथ पत्र में स्वीकारा कि उक्त स्थगन आदेश उनके क्षेत्राधिकार से बाहर है, जिस पर न्यायालय ने उन पर 25 हजार की कॉस्ट अधिरोपित करते हुए उनका 15 मार्च 2019 का आदेश निरस्त कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास महावर ने पक्ष रखा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!