भाजपा का सवाल : क्या भूपेश अब ईडी,आईटी, सीबीआई के साथ हाईकोर्ट का नाम भी जोड़ेंगे?

Spread the love

‘हाई कोर्ट ने शराब घोटाले में गिरफ्तार लोगों को सिंडीकेट बताया है, तो यह स्पष्ट किया जाए कि मुख्यमंत्री बघेल का क्या रिश्ता था? क्या घोटाले ही कका की जिंदादिली है?’

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय चुनाव मीडिया संयोजक व प्रयागराज (उ.प्र.) के विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में गिरफ्तार लोगों की जमानत याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने जो टिप्पणी की है, उसके मद्देनजर वे जिस तरह कहते रहे हैं कि भाजपा की तरफ से ईडी, आईटी, सीबीआई चुनाव लड़ रही है, तो क्या वे अब इसमें हाईकोर्ट को भी शामिल करेंगे?

श्री सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट के निर्णय से यह साफ हो गया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार को शराब की लत लगी हुई है। कांग्रेस की भूपेश सरकार पर तीखा प्रहार कर श्री सिंह ने कहा कि देश के इतिहास में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ऐसी पहली सरकार है, जो अपने राजस्व पर ही डाका डालती है। शराब घोटोले में जमानत याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण तथ्यों को भी संज्ञान में लिया है।

सिंह का कटाक्ष : भाजपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन को प्यार से चावल वाले बाबा कहा गया, अब यहां पर शराब की लत लगाने वाले के आगे क्या लिखा जाए?’

भाजपा केंद्रीय चुनाव मीडिया संयोजक व विधायक श्री सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में सरकारी मुलाजिमों उपसचिव सौम्या चौरसिया, अनिल टुटेजा, सीएसएमसीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर अरुणपति त्रिपाठी और राजनीतिक पृष्ठभूमि के अनवर ढेबर, इन सबको हाई कोर्ट के जजमेंट में ‘सिंडीकेट’ कहा गया है, जिसने सोची-समझी रणनीति के तहत सीएसएमसीएल को सिंडीकेट की कठपुतली बना दिया था। यह कोई सामान्य बात नहीं है। सीएसएमसीएल की दुकानों के माध्यम से अवैध और नकली होलोग्राम से नकली शराब बिक रही थी। साथ-ही-साथ सिंडीकेट ने यह भी प्लानिंग की कि जो विदेशी शराब आती है, उसके लिए नए प्रावधान कर दें और इसके लिए एक लाइसेंस बना दिया जिसे एफएल 10-ए कहा जाता है, उसके तहत उन लोगों ने 10 प्रतिशत का कट (कमीशन) लेना शुरू किया।

एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में आहूत पत्रकार वार्ता में श्री सिंह ने कहा कि वह (श्री सिंह) जो तथ्य रख रहे हैं, वे हाई कोर्ट के जजमेंट में हैं। इसमें जिक्र है 19.2 करोड़ जो अवैध बोतलों पर नकली होलोग्राम उसे लगाकर बेचा गया है और 2019-20 से लेकर 2022-23 तक यह चला। श्री सिंह ने कहा कि अवैध शराब से 2,161 करोड़ रुपए इन लोगों ने कमाया है। जजमेंट में एक महत्वपूर्ण तथ्य का जिक्र है कि जो ईओडब्ल्यू डीआईजी ने चिट्ठी लिखी थी कि यह सिंडिकेट किस प्रकार से अवैध शराब का धंधा चला रहा है?

भाजपा केंद्रीय चुनाव मीडिया संयोजक सिंह ने शराब घोटाले में गिरफ्तार लोगों की जमानत याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट की टिप्पणी के मद्देनजर सवालों की बौछार की

भाजपा केंद्रीय चुनाव मीडिया संयोजक व विधायक श्री सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सवालों की बौछार करते हुए कहा कि प्रश्न किया है कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा के लिए ईडी, सीबीआई, आईटी चुनाव लड़ती है। क्या अब भूपेश बघेल इन तीनों के साथ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का नाम भी जोड़ना चाहेंगे? छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, त्रिलोक सिंह ढिल्लों और नवीन पुरोहित ने मिलकर 19.2 करोड़ नकली शराब की बोतलें बेचकर 2161 करोड़ रु का घोटाला किया। अब प्रदेश को यह भी बताया जाना चाहिए इस सिंडीकेट से मुख्यमंत्री बघेल का क्या रिश्ता था?

क्योंकि, हम लोग अब जनता के बीच में हैं। क्या रिश्ता होने के कारण ही अपने डीआईजी की चिट्ठी पर प्रदेश की भूपेश सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की? क्या यही कारण था या कोई और कारण था? 2000 करोड़ रुपए की जो लूट थी, उसमें दिल्ली को भी हिस्सा गया, क्योंकि मुख्यमंत्री बघेल एटीएम बने हुए थे। 19.2 करोड़ बोतलों की नकली होलोग्राम के जरिए बिक्री हुई है। इतनी बड़ी बिक्री राज्य में हो रही थी, क्या मुख्यमंत्री बघेल को इसका पता ही नहीं चला?

श्री सिंह ने कहा कि भाजपा अवैध शराब का मुद्दा उठाती रही और मुख्यमंत्री चुप रहे। अब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी इस विषय पर तथ्यों के आधार पर संज्ञान लेते हुए बेल खारिज की है। हाई कोर्ट के विषय पर जो उन्होंने बेल खारिज कर कहा है, अब मुख्यमंत्री बघेल इस पर भी चुप्पी बनाए रखेंगे या कुछ बोलेंगे?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!