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ट्रिगर पर उंगली आगई थी, एक मिनट में 800 राउंड फायर, गांव में पीतल भर देती इन कमांडोज की ऑटोमैटिक गन।

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पंजाब।इन कमांडोज की आंखों का एक्सप्रेशन और बॉडी लैंग्वेज बता रहा है कि बस आदेश मिलने का ही इंतजार था इन्हें क्योंकि ये खलिस्तानिये बीजेपी का झंडा लेकर PM तक पंहुच चुके थे।

इसी को लेकर इन SPG कमांडोज को गोली चलाने की इजाजत मांगनी पड़ गई प्रधान मंत्री जी से लेकिन वे जानते थे स्थिति कितनी विकराल हो जाती, क्योंकि खाली एक SPG ऑफिसर वन मैन आर्मी होता है, और पलक झपकते ही लाशों का ढेर बिछा देते वो ।SPG के ऑफिसर्स को वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। ये वही ट्रेनिंग है जो यूनाइटेड स्टेट सीक्रेट सर्विस एजेंट्स को दी जाती है। इसमें जवानों को फिट, चौकस और टेक्नोलॉजी में परफेक्ट बनाया जाता है। देश के प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी होने के नाते एसपीजी का एक-एक कमांडर वन मैन आर्मी होता है।

इसके कमांडो ऑटोमेटिक गन FNF-2000 असॉल्ट राइफल से लैस होते हैं। कमांडोज के पास ग्लोक 17 नाम की एक पिस्टल भी होती है। ये एक लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट पहनते हैं। SPG के जवान हाई ग्रेड बुलेटप्रूफ वेस्ट पहने होते हैं, जो लेवल-3 केवलर की होती है। इसका वजन 2.2 किग्रा होता है और यह 10 मीटर दूर से एके 47 से चलाई गई 7.62 कैलिबर की गोली को भी झेल सकती है। साथी कमांडो से बात करने के लिए कान में लगे ईयर प्लग या फिर वॉकी-टॉकी का सहारा लेते हैं। यहां तक की इनके जूते भी काफी अलग होते हैं, ये किसी भी जमीन पर नहीं फिसलते। ये खास तरह के दस्ताने पहनते हैं। जिससे चोट से उनका बचाव होता है। ये कमांडोज चश्मा भी पहनते हैं, जो उनकी आखों को हमले से बचाते हैं और किसी भी प्रकार का डिस्ट्रैक्शन नहीं होने देता हैं।

इसीलिए प्रधानमंत्री जी को स्थिति को तुरंत भांपते हुए वापसी का निर्णय लेना पड़ा ।क्योंकि एक भी जन हानि होती तो सारे विपक्ष वाले बवाल मचाते।

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