ग्वालियर – शहर के तस्करों को शरण देने के आरोप में एसएसपी अमित सांघी ने दो दिन चली जांच के बाद एएसआई प्रताप भदौरिया, एएसआई सुघर सिंह और हैड कान्स्टेबल कल्याण सिंह लाइन अटैच कर दिया है। अभी भी जांच जारी है, जांच कीें प्रथम दृष्टि में दोषी पाये लोगों को ही लाइन भेजा है अभी फिलहाल जांच पूरी होने पर कुछ ओर लोगों को लाइन भेजे जाने की संभावना है।
क्या है पूरा मामला
पिछले दिनों गेंडेवाली सड़क से जिस स्मैक तस्कर को 40 लाख रूपये की स्मैक के साथ क्राइम ब्रांच के एएसआई राजीव सोलंकी सहित की टीम ने पकड़ा था। पकड़े गये स्मैक तस्कर ने संबंधित कर्मचारियों के संबंध कुछ राज खोले थे जिससे तस्कर और पुलिस की मिलीभगत का खुलासा हुआ था। जिसमें इंदरगंज थाने के दो पुलिस कर्मियों के नाम सामने आये थे। इन पुलिस कर्मियों पर गेंडेवाली बीट की जिम्मेदारी थी। पूछताछ में तस्कर ने बताया कि उन पुलिस कर्मियों को हफ्ता देता है। इस मामले को लेकर एसएसपी अमित सांघी ने इंदरगंज थाना प्रभारी आसिफ मिर्जा बेग से रिपोर्ट में मांगी थी। रिपोर्ट आने पर एसएसपी अमित सांघी तत्काल एएसआई प्रताप भदौरिया, एएसआई सुघर सिंह और हैड कान्स्टेबल कल्याण सिंह निलंबित कर दिया है।
दरअसल मंगलवार को क्राइम ब्रांच और इंदरगंज पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्यवाही करते हुए तस्कर अनीस पुत्र बहादुर खान को 370 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था। पकड़ी गयी स्मैक की कीमत लगभग 37 लाख रूपये थी। इतनी बड़ी मात्रा में पकड़े जाने पर पुलिस अधिकारी सन्न रहे गये थे। एसएसपी ने कहा कि इतने व्यापक पैमाने पर स्मैक बेची जा रही है यह सूचना बीट प्रभारियों सहित अन्य पुलिसकर्मियों क्यों नहीं लगी। टीआई इंदरगंज मिर्जा आसिफ की रिपोर्ट पर एसएसपी अमित सांघी ने उक्त पुलिस कर्मियों को लाइन अटैच कर दिया है।
अमित सांघी, एसएसपी, ग्वालियर
गेंडेवाली सड़क इतने बड़े पैमाने पर स्मैक बिक रही है लेकिन इनका इनवॉल्बमेंट नहीं था पुलिस ने कार्यवाही क्यों नहीं की है यह तो गलत है। इसलिये इनको निलंबित किया गया है। जिससे शहर में संदेश होना चाहिये कि स्मैक तस्करों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिये।





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