Translate Your Language :

ABG Scam : आजाद भारत के सबसे बड़े बैंक घोटाले में अब ED की एंट्री।

Facebook
Twitter
WhatsApp

Table of Contents

सीबीआई ने मंगलवार को घोटाले के 5 आरोपियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था. यानी ये आरोपी अब देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं. एजेंसी ने कहा है कि मामला दर्ज होने के बाद जब 13 जगहों पर छापेमारी की गई तो इन सभी आरोपियों को देश के अंदर ही पाया गया।

लखनऊ / नई दिल्ली / मुम्बई । ABG Shipyard Case। देश के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड मामले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी करेगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंकों के समूह के साथ 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लि., उसके पूर्व प्रवर्तकों के साथ अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज किया है।

ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से प्राथमिकी दर्ज करने के बाद यह कदम उठाया गया है।

सूत्रों ने कहा कि सीबीआई की शिकायत और फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट देखने के बाद ईडी ने धन शोधक निरोधक कानून (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) विशेष रूप से बैंक ऋण की कथित ‘हेराफेरी’, लोगों के पैसे को लूटने के लिए मुखौटा कंपनियों के गठन तथा कंपनी के अधिकारियों और अन्य की भूमिका पर गौर करेगा।
सीबीआई ने मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल के साथ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
बता दें कि सीबीआई ने मंगलवार को घोटाले के 5 आरोपियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। यानी ये आरोपी अब देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं। एजेंसी ने कहा है कि मामला दर्ज होने के बाद जब 13 जगहों पर छापेमारी की गई तो इन सभी आरोपियों को देश के अंदर ही पाया गया।

बता दें कि सीबीआई ने आधिकारिक तौर पर कहा है एबीजी ग्रुप द्वारा किया गया यह घोटाला साल 2005 से साल 2012 के बीच का है। सीबीआई ने कहा कि निजी शिपिंग कंपनी एबीजी शिपयार्ड के बैंक अकाउंट एसबीआई के अनुसार साल 2013 में एनपीए घोषित कर दिये गए थे. यह वह समय था, जब कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सरकार केंद्र में थी।सीबीआई ने कहा कि एबीजी शिपयार्ड 30 नवंबर 2013 को एनपीए हो गया था। सीबीआई ने कहा कि साल 2005 से 2012 के बीच धोखाधड़ी के मामलों की जांच की गई थी। साथ ही सीबीआई ने कहा कि राज्यों द्वारा जनरल कंसेंट वापस लेने से महत्वपूर्ण मामले दर्ज करने में परेशानी हो रही है।

साल 2005 से 2012 के बीच वितरित हुई राशि :-

केंद्रीय एजेंसी ने अपने एक बयान में कहा, ‘एसबीआई की शिकायत के अनुसार, एनपीए 22,842 करोड़ का है और साल 2005 और 2012 के बीच आईसीआईसीआई (ICICI) के नेतृत्व में 28 बैंकों के एक संघ द्वारा अधिकांश राशि वितरित हुई। इस संघ में एसबीआई भी शामिल था।

साल 2017 में NCLAT में गया था मामला :-

सीबीआई ने साल 2012 से 2017 तक फर्म के फोरेंसिक ऑडिट का हवाला देते हुए कहा कि कंपनी को कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए आईसीआईसीआई बैंक द्वारा 1 अगस्त, 2017 को अहमदाबाद में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLAT) को भी भेजा गया था। हालांकि, कई बैंकों ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान एबीजी शिपयार्ड के खातों को फ्रॉड घोषित किया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Opinion Poll

What is the capital city of France?

टॉप स्टोरी

Our Latest Video

Live Cricket

Gold & Silver Price

Panchang Updates

error: Content is protected !!