हैदराबाद / FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) की जांच( Investigation) शुरू हो चुकी है। FIR में संजय अग्रवाल की फर्म द्वारा लिए गए गोल्ड लोन (Gold Loan) के लिए पीएनबी (Punjab National Bank) को बंधक (Mortgage) रखे गए सोने और जेवर को फ्रॉड से हटाने के चलते पीएनबी को 31.97 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है…
हैदराबाद / प्रवर्तन निदेशालय ने घनश्यामदास जेम्स एंड ज्वेल्स के मैनेजिंग पार्टनर (Managing Partner) संजय अग्रवाल को धन शोधन निवारण अधिनियम PMLA 2002 के तहत 11 फरवरी को एक लोन फ्रॉड मामले में गिरफ्तार किया है, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक (SBI), हैदराबाद को 67 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
पीएनबी (P.N.B) को हुआ 31.97 करोड़ रुपये का नुकसान :-
ईडी (ED) ने सीबीआई (CBI), बीएस एंड एफबी, बैंगलोर द्वारा आईपीसी (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के तहत जांच शुरू की है। इसके बाद, सीबीआई (CBI) ने संजय अग्रवाल (SANJAY AGRAWAL) और अन्य के खिलाफ एक और FIR दर्ज की है, जिसमें उनकी फर्म द्वारा लिए गए गोल्ड लोन (Gold Loan) के लिए पीएनबी(Punjab National Bank) को गिरवी रखे गए सोने (Gold) और जेवर को Fraud से हटाने के चलते पीएनबी(Punjab National Bank) को 31.97/- करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
संजय ने दी थी जाली बैंक गारंटी :-
ED को जांच से पता चला है कि संजय अग्रवाल (Sanjay Agrawal) सोने के थोक व्यापार घनश्यामदास जेम्स एंड ज्वेल्स (Ghanshyam Gems & Jewellers) में मैनेजिंग पार्टनर हैं। 2010 और 2011 में, उन्होंने फर्जी और जाली बैंक गारंटी देकर और पीएनबी (PNB) द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए पत्रों को कवर करके एसबीआई (CBI) से स्वर्ण सर्राफा की खरीद की और स्थानीय बाजार में सोने के बुलियन को विभिन्न ज्वैलर्स (Jewellers) और छोटे व्यापारियों (Small Businessman) को नकद में बेच दिया। इस तरह से उत्पन्न नकदी को संजय अग्रवाल द्वारा अपनी पत्नी, भाइयों और अपने कर्मचारियों के नाम पर चलाई गई कई अन्य फर्मों में भेज दिया गया था।
बाद में, गोल्ड लोन पर डिफॉल्ट (Gold Loan Default) होने के बाद, एसबीआई (SBI) ने पाया कि बैंक गारंटी और पत्र जाली थे। 17 अगस्त 2011 को, संजय अग्रवाल Sanjay Agrawal And Brothers) और उनके भाइयों अजय और विनय ने हैदराबाद के एबिड्स में अपने स्टोर पर रखे सोने और आभूषणों का पूरा स्टॉक गुप्त रूप से हटा दिया। फर्म द्वारा लिए गए गोल्ड लोन के एवज में स्टॉक को पहले ही पीएनबी के पास गिरवी रख दिया गया था।
पहले से ही कोलकाता जेल में हैं संजय :-
संजय अग्रवाल पहले से ही कोलकाता जेल में ईडी (ED) के एक अन्य मामले में बंद थे, जो ‘ड्यूटी फ्री एक्सपोर्ट बाउंड गोल्ड'(Duty Free Export Bound Gold) को घरेलू बाजार में बदलने से संबंधित था। उन्हें प्रोडक्शन वारंट (Protection Warrant) पर 11 फरवरी 2022 को पीएमएलए स्पेशल कोर्ट (PMLA Special Court) हैदराबाद में पेश किया गया और माननीय कोर्ट ने संजय अग्रवाल को 15 दिनों की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया। मामले में आगे की जांच अभी जारी है।