जोहान्सबर्ग । गुप्ता बंधुओं में दो अतुल और राजेश गुप्ता पर देश और पैरास्टेटल संगठनों से अरबों रैंड की कथित लूट करने और अपने परिवार के साथ दक्षिण अफ्रीका से भाग जाने का आरोप है। दक्षिण अफ्रीका सरकार ने सात महीने पहले इनके खिलाफ रेड नोटिस के लिए आवेदन किया था। इंटरपोल ने सोमवार को अतुल (Atul Gupta And Rajesh Gupta ) राजेश गुप्ता के खिलाफ रेड नोटिस (Red Notice) जारी किया है। तीन भारतीय मूल के गुप्ता भाइयों (Gupta Brothers) में से दो अतुल और राजेश गुप्ता देश और पैरास्टेटल संगठनों से अरबों रैंड की कथित लूट की जांच के बीच अपने परिवार के साथ दक्षिण अफ्रीका से रफू चक्कर हो गए हैं। हालांकि, उन्होंने अपनी पत्नियों- आरती और चेताली गुप्ता के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने के लिए दक्षिण अफ्रीकी सरकार के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है।
क्या होता है रेड नोटिस ? रेड कार्नर नोटिस का मतलब इंटरपोल के सभी सदस्य देशों के लिए ये अलर्ट (Alrt) होता है कि संबंधित व्यक्ति एक वांछित भगोड़ा है, लेकिन यह एक गिरफ्तारी वारंट के बराबर नहीं होता है। हालांकि इससे संबंधित देश को अपने वांछित अपराधी को दूसरे देश से प्रत्यर्पण के मामले को मजबूती से रखने में मदद मिलती है।
सात महीने पहले रेड नोटिस के लिए किया था आवेदन :- दक्षिण अफ्रीका सरकार (South Africa Govt.) ने सात महीने पहले इनके खिलाफ रेड नोटिस के लिए आवेदन किया था। दक्षिण अफ्रीका (South Africa Govt.) के न्याय मंत्री रोनाल्ड लामोला ने इस कदम को एक सकारात्मक पहल बताया है। इससे उन्हें उम्मीद है कि कानून को अपना काम करने में मदद मिलेगी। दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकरण (एनपीए) कई वर्षों से गुप्ता भाइयों के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है, जिनके बारे में माना जाता है कि 2018 में दुबई भाग गए थे। हालांकि उनका सटीक ठिकाना अभी तक पता नहीं चला है। दक्षिण अफ्रीका ने पिछले साल दुबई के साथ एक प्रत्यर्पण संधि की थी और उनके प्रत्यर्पण के लिए आवेदन किया था।
गुप्ता परिवार ( Gupta Family) पर पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ निकटता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। जिसमें राष्ट्रीय बिजली आपूर्तिकर्ता एस्कॉम सहित पैरास्टेटल कंपनियों से लूटपाट की गई, जो अब गंभीर रूप से नकदी-संकट में बदल गई है, जिसके परिणामस्वरूप देश भर में बार-बार लोड शेडिंग होती है। गुप्ता बंधुओं ने पहले कहा था कि उनका प्रत्यर्पण राजनीति से प्रेरित है, जिसे एनपीए ने अस्वीकार कर दिया है।
पिछले साल सर्वोच्च संवैधानिक न्यायालय द्वारा लगाए गए 15 महीने की जेल की सजा के कुछ महीनों की सेवा के बाद पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा वर्तमान में अपने मेडिकल पैरोल को रद्द करने के लिए लड़ रहे हैं क्योंकि उनका मामला आयोग की सुनवाई से बाहर कर चला गया है और इस मामले में आगे की गवाही से न्यायालय ने इनकार कर दिया है।
जूता कारोबारी से अरबों के मालिक :- गुप्ता परिवार 1990 के दशक में नेल्सन मंडेला कि रिहाई के साथ दक्षिण अफ्रीका में शुरू हुए लोकतंत्र के नए दौर के दौरान सहारनपुर से जोहान्सबर्ग पहुंचा था। एक जूता स्टोर शुरू करने के बाद उन्होंने वहां के राजनीतिक दलों में घुसपैठ बनाकर सूचना तकनीक, खनन और मीडिया के क्षेत्र में अपना विशाल साम्राज्य कायम कर लिया था। लेकिन पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के खिलाफ शुरू हुई जांच के दौरान उनके भी तमाम कथित घोटाले सामने आने पर उन्हें दक्षिण अफ्रीका से फरार होना पड़ा था।