नई दिल्ली/ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय का दौरा कर सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठक की, इस मौके पर उन्होंने पुलिसकर्मियों को अपनी फिटनेस पर ध्यान देने को कहा, इसके अलावा सभी सार्वजनिक जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ने की आवश्यकता भी बताई। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोषसिद्धि दर को बढ़ाने और आपराधिक न्याय प्रणाली को फोरेंसिक विज्ञान जांच के साथ एकीकृत करने के लिए दिल्ली में 6 वर्ष से अधिक सजा वाले सभी अपराधों में फोरेंसिक जांच अनिवार्य करने के निर्देश भी दिये।
अमित शाह ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा की गृहमंत्री ने दिल्ली पुलिस को निर्देश देते हुए कहा कि निगरानी अपराध को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरों के साथ ही सार्वजनिक जगहों पर जैसे एयरपोर्ट, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, बाजार सहित आरडब्ल्यूए द्वारा लगाए गए सीसीटीवी को भी कंट्रोल रूम से जोड़ा जाए। यही नहीं अमित शाह ने कहा कि पुलिसकर्मियों को अपनी फिटनेस और पुलिस थानों के समय पर निरीक्षण पर भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने फिटनेस के लिए रोजाना फिटनेस शेड्यूल का पालन करने और पुलिसकर्मियों की स्वास्थ्य जांच करने पर भी बल दिया।
छह वर्ष से अधिक सजा वाले सभी अपराधों में फोरेंसिक जांच होना अनिवार्य :-
अमित शाह ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ड्रग्स को जड़ से खत्म करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है। इसके तहत मल्टी स्टेट क्रिमिनल गैंग पर नकेल कसी जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गंभीर प्रकृति वाले अपराधों में चार्जशीट को लीगल वैटिंग के बाद ही दायर किया जाए। गृहमंत्री ने आगामी जी-20 सम्मेलन की सुरक्षा को लेकर भी अधिकारियों को निर्देश दिए और कहा कि सुरक्षा अध्ययन को लेकर वो ऐसे देशों का दौरा करें, जहां जी-20 सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित हो चुका है।
अमित शाह ने बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही. गृह मंत्री ने ये भी कहा कि शिकायतों का समय से निपटारा करने और ऑनलाइन शिकायत के क्रम में शिकायतकर्ता को उसकी लंबित शिकायत की जानकारी देने की सुविधा उपलब्ध करवानी चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों द्वारा किये जा रहे मानवीय कार्यों को जनसामान्य तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग होना चाहिए। पुलिस कांस्टेबल को स्कूली बच्चों के साथ भी समय बिताना चाहिए और उन्हें पुलिस थानों का दौरा करवाकर जानकारी प्रदान करना चहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ज्यादा ट्रैफिक वाले रास्तों को चिह्न्ति कर उनके सिग्नलिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर की पूर्ण रणनीति पर भी विचार हो।