एक तरफ भारत को डिजिटल बनाने के लिए प्रधानमंत्री अथक प्रयास कर रहे हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से बड़े आसानी से एक दूसरे से कनेक्ट हो रहे हैं 2 मिनट में खबरों के माध्यम से कहां क्या हो रहा है यूट्यूब फेसबुक व्हाट्सएप टि्वटर अन्य डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए लोगों तक कोई भी खबर कहीं भी बड़ी आसानी से पहुंच जाता है।
यूट्यूब के माध्यम से स्वतंत्र पत्रकार बड़े आसानी से पत्रकारिता करके सच को बड़ी आसानी से सामने लाते हैं तमाम ऐसे स्वतंत्र पत्रकार है जिन्होंने यूट्यूब पर पत्रकारिता करके इतिहास रचाने का काम कर रहे हैं।
देश को सर्वोपरि मानते हुए देश की जनता के लिए समाज के बीच सक्रिय होकर सच्ची घटनाओं से खबर चलाकर शासन प्रशासन को अवगत कराते हैं।
बिना किसी लालच या स्वार्थ के निस्वार्थ भाव से निष्पक्ष खबरों का प्रसारण निर्भीक होकर कवर करते हैं और जन जन तक पहुंचाने का काम करते हैं।
जिससे कुछ लोगों की दुकान मंदी होने के कगार पर पहुंच चुकी है जो पोर्टल यूट्यूब के पत्रकारों को हीन भावनाओं से देखते हैं अधिकारी के पास बैठकर समाज में बैठकर एक स्वतंत्र पत्रकार का छवि धूमिल करने का काम करते हैं यूटीवीया नाम देकर एक निष्पक्ष खबर लिखने वाले स्वतंत्र पत्रकार का मनोबल गिराते हैं और उन्हें फील्ड में काम करते समय दिक्कतों का सामना करना पड़े इस पर साजिश के तहत कुछ अराजक तत्वों को शामिल करके यूट्यूब पोर्टल वाले पत्रकारों पर ताने बाने कसवाते हैं।
ऐसे लोग शायद यह भूल रहे हैं कि हमारे भारत के संविधान में हर एक नागरिक को अपना मौलिक अधिकार मिला हुआ है जो अपने बातों को किसी भी माध्यम से कह सकता है शासन प्रशासन से सवाल भी कर सकता है वह चाहे गाना गाकर या फिर नाटक कर कर या फिर न्यूज़ के माध्यम से।
हालांकि कानून के दायरे में रहकर यदि किसी प्रतिष्ठित अखबार का पत्रकार या बड़े इलेक्ट्रॉनिक चैनल का पत्रकार गलत करेगा तो संविधान सजा उन्हें भी देगा इसलिए यूट्यूब हो या पोर्टल उनके लिए भी संविधान में वही कानून लिखा गया है भ्रामक खबर फैलाने पर अफवाह फैलाने पर बिना जांच पड़ताल के किसी भी खबर को चला देने पर कार्रवाई उन पर भी हो जाएगी वह चाहे प्रिंट मीडिया के हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के या फिर वेब मीडिया के।
मैं अपने वेब मीडिया पर निस्वार्थ भाव से निष्पक्ष खबरों को प्रसारण करने वाले पत्रकार भाइयों से सिर्फ यही कहूंगा कि किसी भी तरीके से आपको अपना काम करते रहना है कानून के दायरे में रहकर एक स्वतंत्र पत्रकार पत्रकारिता कर सकता है वह अपने खबर को किसी अखबार को दें यह इलेक्ट्रॉनिक चैनल को दे या फिर अपने यूट्यूब ट्यूटर फेसबुक व्हाट्सएप के माध्यम से जन जन के बीच प्रसारित करें।
शासन प्रशासन को भी इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि जब तक किसी स्वतंत्र पत्रकार के खिलाफ कोई ठोस गलती का शिकायत नहीं मिलता तब तक उनको डराने धमकाने का काम नहीं करना चाहिए।
तमाम ऐसी खबरें छूट जाती थी लोगों के बीच नहीं आ पाती थी लेकिन जब से यूट्यूब फेसबुक व्हाट्सएप ट्यूटर पोर्टल भारत में आया है तब से सेकंडो में छोटी बड़ी खबरें लोगों तक पहुंच जाती हैं।
जिससे अपराध पर अंकुश लगा है भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगा है और तमाम लोगों को रोजगार भी मिला है।