भोपाल । केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सख्त आपत्ति के बाद राज्य सरकार भारतीय वन सेवा (आइएफएस) कैडर के प्रस्ताव में फिर से परिवर्तन कर रही है। अब प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (पीसीसीएफ) का एक पद मांगा जा रहा है। जबकि अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (एपीसीसीएफ) के 17 पद कम किए जा रहे हैं। वन मुख्यालय ने प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को भेज दिया है। उसे शासन की सहमति के साथ केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। यह दूसरा मौका है जब आइएफएस अधिकारियों के कैडर रिव्यू में देरी हो रही है। इससे पहले वर्ष 2018 में मिड टर्म रिव्यू होना था, जो पदों के झमेले के चक्कर में करा ही नहीं पाए।
अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का कैडर रिव्यू वर्ष 2020 में होना था। इसके लिए प्रस्ताव मांगे गए थे। वन विभाग ने पीसीसीएफ के तीन और पद मांग लिए। इस पर मुहर लग भी गई थी, तब तक वन मंत्रालय में अधिकारी बदल गए और प्रस्ताव खटाई में पड़ गया। नए अधिकारी ने पीसीसीएफ के तीन पदों के औचित्य पर सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने पूछा कि तीन पद क्यों चाहिए। विभाग ने संशोधित प्रस्ताव में बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और ग्रीन इंडिया मिशन शाखाओं के लिए यह पद चाहिए। मंत्रालय ने बताया कि कैडर के 2.8 प्रतिशत पद पर ही पीसीसीएफ बनाए जा सकते हैं और यह कोटा पूरा है। इसके बाद शासन ने प्रस्ताव में संशोधन करने का निर्णय लिया। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पांच पीसीसीएफ कैडर मेें हैं और इतने ही नान कैडर में कार्यरत हैं।
सीएफ, डीसीएफ के पद बढ़ेंगे
वर्तमान में 51 एपीसीसीएफ कार्यरत हैं। नए प्रस्ताव में 17 पद कम कर 34 किए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है क्योंकि वर्ष 2024 के बाद करीब छह साल तक इस पद पर पदोन्न्ति के लिए अधिकारी नहीं मिलेंगे। ऐसा पात्रता को लेकर है। दरअसल, मुख्य वनसंरक्षक (सीसीएफ) को 12 साल की सेवा के बाद इस पद पर पदोन्न्त किया जाता है। इसके अलावा सीसीएफ के दो पद बढ़ाकर 32 किए जा रहे हैं। वनसंरक्षक (सीएफ) के 35 से घटाकर 18 और वनमंडल अधिकारी (डीसीएफ) के 59 से बढ़ाकर 90 पद किए जा रहे हैं।