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भिंड : कलेक्टर ने पटवारी को किया निलंबित।

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भिंड : कलेक्टर साहब मै जिंदा हूं, पटवारी और तहसीलदार ने मुझे कागजी दस्तावेज में मृत घोषित कर दीया है।

भिंड। घटना भिंड जिले की हमेशा से सुर्खियों में रहने वाली लहार विधानसभा क्षेत्र की है। जहाँ भिंड जिले में लहार तहसील का राजस्व विभाग पूरे जिले में सबसे अधिक भ्रष्ट विभाग होने के लिए कुख्यात है। यहाँ एक पीड़ित युवक ने भिंड कलेक्टर से गुहार लगाई है कि ‘साहब मै जिंदा हूं और मुझे आप कागजों में भी जिंदा करवाओ’

आवेदन में पीड़ित व्यक्ति ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया है कि हल्का पटवारी, और लहार राजस्व के आला अधिकारियों ने कुछ चंद रसूखदार लोगों के साथ मिलकर मेरी सारी संपत्ति हड़प कर मुझे शासकीय दस्तावेजों मृत घोषित कर दिया है, और मेरी हड़पी गई संपत्ति धीरे-धीरे विक्रय की जा रही है। जरा सोचिए यदि आप जिंदा हैं और आपके पास जिन्दा होने का सबूत न हो तो आप पर क्या बीतेगी और फिर आप क्या करेंगे। इसी व्यथा से यह पीड़ित व्यक्ति जूझ रहा है और स्वयं के शासकीय दस्तावेज में जिंदा करवाने की गुहार राजस्व विभाग के संबंधित अधिकारियों से लगा लगा कर थक गया है।

आखिरकार कही से न्याय न मिल पाने की स्थित में पीड़ित व्यक्ति ने न्याय की आस में स्वयं भिंड कलेक्टर डॉं सतीश कुमार के समक्ष लहार नगर पालिका में जनसुनवाई के दौरान स्वयं की मौजदूगी मे पूरे राजस्व अमले के बीच लिखित आवेदन दिया था, कि साहब मै जिंदा हूं। भिंड कलेक्टर द्वारा पीड़ित व्यक्ति का ज्ञापन संबंधित विभाग में देने के उपरांत भी राजस्व विभाग के कर्मचारी और अधिकारी मौन साधे हुए हैं।

राजस्व विभाग की बेहद ही शर्मनाक करने वाली घटना लहार नगर पालिका के बार्ड क्र० 11 की है। जहाँ चंदन विश्वकर्मा पिता स्व. भैय्या लाल नाम के व्यक्ति को उसके भतीजे ने हल्का नम्बर 18 पर पदस्थ पटवारी पदम सिंह यादव तथा लहार राजस्व विभाग के आला अधिकारियों तथा न्याय की पैरवी करवाने वाले वकील तथा पैरवी करने वाले वकील द्वारा फर्जी गवाहों को तैयार कर उनके द्वारा फर्जी गवाही लगवा कर अपनी रिपोर्ट में चंदन विश्वकर्मा को मृत धोषित करवा दिया है।

और पीडित चंदन विश्वकर्मा की सारी संपत्ति हड़प कर उसके भतीजे के नाम करवा दी गयी है। अब हड़पी संपत्ति को उसका भतीजा धीरे-धीरे विक्रय कर रहा है। इसी वजह से दुखी पीड़ित चंदन विश्वकर्मा अपनी बुआ के साथ अब न्याय पाने की आस में राजस्व विभाग के आला अधिकारियों के दरवाजे पर न्याय की गुहार लगाते हुए दर-दर भटक रहा है लोगाे से कह-कह कर थक गया है।

कलेक्टर महोदय से न्याय की गुहार लगाते हुए कहां  ‘साहब में जिंदा हूँ और मुझे आप शासकीय दस्तावेजों में जीवित करवा दो’। अब देखना होगा मर्मस्पर्शी और न्यायप्रिय भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस कागजों में मृत पड़े चंदन को उसके जिंदा होने का एहसास शासकीय दस्तावेजों में कब तब उपलब्ध करा पाते हैं।

भिंड कलेक्टर ने लिया संज्ञान और पटवारी को निलंबित कर पीडित को दिलाया न्याय:-

आवेदन में पीड़ित व्यक्ति ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया है कि हल्का पटवारी, और लहार राजस्व के आला अधिकारियों ने कुछ चंद रसूखदार लोगों के साथ मिलकर मेरी सारी संपत्ति हड़प कर मुझे शासकीय दस्तावेजों मृत धोषित दिया है, और मेरी हड़पी गई संपत्ति धीरे-धीरे विक्रय की जा रही है।

जरा सोचिए यदि आप जिंदा हैं और आपके पास जिन्दा होने का सबूत न हो तो आप पर क्या बीतेगी और फिर आप क्या करेंगे। इसी व्यथा से यह पीड़ित व्यक्ति जूझ रहा है और स्वयं के शासकीय दस्तावेज में जिंदा करवाने की गुहार राजस्व विभाग के संबंधित अधिकारियों से लगा लगा कर थक गया है।

आखिरकार कही से न्याय न मिल पाने की स्थित में पीड़ित व्यक्ति ने न्याय की आस में स्वयं भिंड कलेक्टर डॉं सतीश कुमार के समक्ष लहार नगर पालिका में जनसुनवाई के दौरान स्वयं की मौजदूगी मे पूरे राजस्व अमले के बीच लिखित आवेदन दिया था, कि साहब मै जिंदा हूं।

भिंड कलेक्टर द्वारा पीड़ित व्यक्ति का ज्ञापन संबंधित विभाग में देने के उपरांत भी राजस्व विभाग के कर्मचारी और अधिकारी मौन साधे हुए हैं।
राजस्व विभाग की बेहद ही शर्मनाक करने वाली घटना लहार नगर पालिका के बार्ड क्र० 11 की है। जहाँ चंदन विश्वकर्मा पिता स्व. भैय्या लाल नाम के व्यक्ति को उसके भतीजे ने हल्का नम्बर 18 पर पदस्थ पटवारी पदम सिंह यादव तथा लहार राजस्व विभाग के आला अधिकारियों तथा न्याय की पैरवी करवाने वाले वकील तथा पैरवी करने वाले वकील द्वारा फर्जी गवाहों को तैयार कर उनके द्वारा फर्जी गवाही लगवा कर अपनी रिपोर्ट में चंदन विश्वकर्मा को मृत धोषित करवा दिया है।

और पीडित चंदन विश्वकर्मा की सारी संपत्ति हड़प कर उसके भतीजे के नाम करवा दी गयी है। अब हड़पी संपत्ति को उसका भतीजा धीरे-धीरे विक्रय कर रहा है। इसी वजह से दुखी पीड़ित चंदन विश्वकर्मा अपनी बुआ के साथ अब न्याय पाने की आस में राजस्व विभाग के आला अधिकारियों के दरवाजे पर न्याय की गुहार लगाते हुए दर-दर भटक रहा है लोगाे से कह-कह कर थक गया है।

कि ‘साहब में जिंदा हूँ और मुझे आप शासकीय दस्तावेजों में जीवित करवा दो’। अब देखना होगा मर्मस्पर्शी और न्यायप्रिय भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस कागजों में मृत पड़े चंदन को उसके जिंदा होने का एहसास शासकीय दस्तावेजों में कब तब उपलब्ध करा पाते हैं।

भिंड कलेक्टर ने लिया संज्ञान और पटवारी को निलंबित कर पीडित को दिलाया न्याय

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