भाजपा से सिंधिया, शेजवलकर, पवैया में दौड़, कांग्रेस में अनुभवी आशोक, युवा में केदार, प्रवीण चेहरा
ग्वालियर में विधानसभा चुनाव के बाद अब दोनों दलों (भाजपा-कांग्रेस) की नजरें लोकसभा चुनाव पर हैं। प्रदेश में सरकार बनने से भाजपा उल्लास व कांग्रेस हार के सदमे से निकलकर लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। भाजपा में लोकसभा चुनाव में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वर्तमान सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व सांसद जयभानसिंह पवैया में दौड़ है।
साथ ही कांग्रेस में अनुभवी चेहरे में एक मात्र अशोक सिंह है, जबकि युवाओं में पूर्व विधायक प्रवीण पाठक और युवा कांग्रेस नेता केदार कंसाना चेहरा बन सकते हैं। केदार ने विधानसभा में भी ग्रामीण में प्रचार की कमान संभाली थी। पार्टी से बगावत नहीं करने और साथ देने पर उनको इनाम के रूप में चेहरा बनाया जा सकता है।
भाजपा-कांग्रेस नए साल से लोकसभा चुनाव के लिए संगठन स्तर पर जमावट शुरु कर देंगे। संभावना जताई जा रही है कि मार्च में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है। प्रशासनिक स्तर पर लोकसभा चुनाव के लिए मतदाताओं की सूचियों को अपडेट करने की प्रक्रिया भी शुरु हो जाएगी। भाजपा अयोध्या में राम मंदिर के भव्य व दिव्य नव निर्मित विशाल मंदिर में रामलाला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह से उतर जाएगी। सिंधिया लगातार ग्वालियर में सक्रिय हैं और शेजवलकर वर्तमान विधायक हैं। राम मंदिर के लिए ग्वालियर से लड़ने वाले जयभान सिंह पवैया जो ग्वालियर से सांसद भी रहे चुके हैं उन पर भी भाजपा दाव खेल सकती है।
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इधर कांग्रेस ने प्रदेश में पीसीसी अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष और अन्य पदों पर युवा चेहरों को जगह देकर साफ कर दिया है कि कांग्रेस अब पुराने उम्र दराज नेताओं को साइड लाइन कर युवा नेतृत्व की ओर देख रही है। ऐसे में ग्वालियर में युवा चेहरों में कांग्रेस में पूर्व विधायक प्रवीण पाठक और युवा कांग्रेसी नेता केदार कंसाना दो बड़े चेहरे हैं। इनमें भी केदार ने विधानसभा चुनाव से पहले गांव-गांव में कड़ा जनसम्पर्क किया था। साथ ही पार्टी के लिए ग्वालियर ग्रामीण में प्रत्याशी साहब सिंह के लिए कोई विरोध न कर जीत दिलाई थी। जिसका फायदा उनको मिल सकता है। पूर्व विधायक प्रवीण पाठक को कम वोट से चुनाव हारने और दक्षिण में नजता के चहेते होने फायदा लोकसभा में मिल सकता है।
अप्रैल-मई में हो सकते हैं लोकसभा चुनाव
18वीं लोकसभा के लिए चुनाव वर्ष 2024 के मध्य में होना संभावित है, क्योंकि वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को समाप्त हो जाएगा। इससे पहले लोकसभा चुनाव होने हैं। मार्च के पहले सप्ताह में लोकसभा चुनाव कराने की घोषणा हो सकती है, इसलिए राजनीतिक दलों ने विधानसभा चुनाव के बाद से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं।
राममंदिर के उद्घाटन के बाद से लोकसभा चुनाव के लिये सक्रिय होगी भाजपा
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अयोध्या में रामलला को विराजित करने के साथ एक्टिव मोड पर आ जाएगी। सात दिन देशभर में श्रीराम मंदिर से जुड़े कई कार्यक्रमों का आयोजन आरएसएस व विश्व हिन्दू परिषद के माध्यम से किए जाएंगे, इसके साथ ही भाजपा की लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरु हो जाएंगी।
कांग्रेस 2023 के चर्चित चेहरों पर खेल सकती है दाव
कांग्रेस ने प्रदेश में नव वर्ष के जश्न के साथ ही लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरु करने की घोषणा कर दी है। हालांकि पूरा माहौल होने के बाद भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं बनने से कांग्रेस कार्यकर्ता निराश और हताश है। कांग्रेस को अब कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड पर लाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। यह अलग बात है कि कांग्रेस में चुनाव संगठन नहीं प्रत्याशी लड़ता है। इसलिए टिकट के दावेदार अपने-अपने पसंदीदा क्षेत्र में सक्रिय हो जाएंगे। कांग्रेस ग्वालियर सहित अंचल के अन्य लोकसभा क्षेत्र में युवाओं पर दांव खेल सकता है। ग्वालियर में 2023 के चर्चित चेहरों में युवा कांग्रेसी नेता और ग्रामीण सहित शहर में पकड़ रखने वाले केदार कंसाना, पूर्व विधायक प्रवीण पाठक अपने क्षेत्र की जनता के लिए लड़ने वाले नेताओं पर नजर रहेगी। बात जब चुनाव लड़ने के अनुभव की होगी तो अशोक सिंह भी चेहरा नजर आते हैं।
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